भारतीय लोगों में शगुन और अपशगुन को कुछ ज्यादा ही माना जाता है। इसमें सबसे खास तब जब हमें घर से निकलते वक्त या किसी काम से बाहर जाने से पहले छींकना, पीछे मुड़ कर ना देखना, किसी शुभ कार्य के लिए तीन लोगों का एक साथ ना जाना, बिल्ली का रास्ता काटना आदि शामिल है।
इन सारी बातों में से आज हम आपको बता रहे हैं कि अगर बिल्ली हमारा रास्ता काट दे तो हम उसे अपशगुन क्यों मानते हैं, शायद इसके पीछे की वजह बहुत कम लोग ही जानतें होंगे। बिल्ली राहु गृह की सवारी है और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार राहु एक बहुत ही अशुभ ग्रह है, जिसका प्रभाव कभी भी किसी के जीवन पर अच्छा नही माना जाता है।
ऐसे में राहु अगर किसी की कुंडली में बैठ जाता है तो उसे अक्सर चोट लगने का डर रहता है और राहु का सताया हुआ व्यक्ति हमेशा परेशानियों से घिरा रहता है। हर कोई राहु ग्रह से बच के रहना चाहता है। इसी कारण से ऐसा समझा जाता है कि अगर बिल्ली रास्ता काट दे तो आप जिस काम के लिए जा रहें हों या आपको सफर में चोट लगने या कुछ नुकसान होने की सम्भावना हो सकती है।
सबसे बड़ी गौर करने की बात यह है कि जब बिल्ली बायें की तरफ से रास्ता काटते हुए दाहिनें ओर चली जाए तो वह अशुभ होता है। वरना अन्य स्थितियों में बिल्ली का रास्ता काटना अशुभ नहीं माना जाता है। हमारे हिन्दू धर्म के अनुसार कुत्ते की तरह ही बिल्ली की छठी इंद्री काफी विकसित होती है इसलिए यह भविष्य में होने वाली घटनाओं को पहले जान लेती है।
हिन्दू धर्म में ये भी मान्यता है कि आगर बिल्ली घर में आकर रोने लगे तो कोई अनहोनी घटना होने की संभावना हो सकती है ओर इसके अलावा बिल्लियों का आपस में लड़ना भी धन हानि या किसी से लड़ाई का संकेत समझा जाता है। अगर आप सो रहें हो और बिल्ली आकर आपका सिर चाटने लगे तो सरकारी मामले में फंस सकते हैं।
बिल्ली अगर आपके ऊपर से कूद कर चली जाय तो तकलीफ सहनी पड़ती है। बिल्ली का पैर चाटना निकट भविष्य में बीमार होने का संकेत माना जाता है। लेकिन दीपावाली की रात घर में बिल्ली का आना शुभ शगुन होता है। इससे लक्ष्मीजी घर आती हैं और सालों भर लोग धनवान बने रहते हैं और धन का आगमन बना रहता है। खबर अच्छी लगे तो अगली खबर के लिए फॉलो या सब्सक्राइब करें।
Source- हिन्दू धर्म की मान्यतायों के अनुसार
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