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जब ब्यूटी क्वीन मां के पैरों में सर रख दिया:-
बैंगकॉक: एशिया में ऐसे कई देश हैं जहां भारत की ही तरह आदर और सम्मान देने के लिए पैर छूने की परंपरा है। बैंकाक की ब्यूटी क्वीन की ये तस्वीर इस बात को बयां कर रही है। इस तस्वीर में मां के पैरों पर नतमस्तक ब्यूटी क्वीन, सिर पर सजा ताज और पीछे रखे कचरे के डिब्बे पूरी कहानी बयान कर रहे हैं। और बैंकाक में पैर छूने के प्रथा के बारे में भी बता रही है।
19 वर्षीय खनिता मिंट फसेंग आज से 2 वर्ष पहले जब इनकी उम्र 17 व्वर्ष थी। तब ये मिस अनसेंसर्ड न्यूज थइलैंड 2015 चुनी गई थी। मिस अनसेंसर्ड न्यूज थइलैंड 2015 का खिताब जीतने के बाद खनिता मिंट जब अपनी माँ का आशीर्वाद लेने पहुंची तो इस खास पल मौके पर मौजूद तमाम लोगों का दिल को छू गया। अखिर यह एक ब्यूटी क्वीन के परिश्रम और परवरिश का ही नतीजा था।
कोई काम छोटा नही होता बस ईमानदारी जरूरी है:-
मिंट को उसकी मां ने उम्र भर कचरा बीनते-बीनते पाला था। खनिता मिंट बताती हैं कि उन्होंने यह स्वीकार करने में कभी भी शर्म महसूस नही हुई। खनिता मिंट ने ये भी कहा कि मैं आज जो कुछ भी हूं अपनी मां की वजह से ही हूँ। मैं और मेरी माँ ईमानदारी से काम करते हैं, इसलिए इस काम के लिए अपने मन में हीन भावना क्यों लाना। की ये काम छोटा है। अपने परिवार की आर्थिक सहायता करने के लिए खुद मिंट ने कई छोटे-मोटे काम किए है और मां के साथ कचरा बीनने और रीसाइकिल करने में आज भी उनकी सहायता करती हैं।
वो खास पल जब खनिता मिंट हैरान रह गई:-
खनिता मिंट ने बताया कि जब रेफरी ने मिस अनसेंसर्ड न्यूज थइलैंड 2015 के विजेता की घोषणा की तब मैं हैरान थी कि मेरे जैसी साधारण लड़की कैसे ब्यूटी क्वीन बन सकती है। मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था, लेकिन मैं आज जो कुछ भी हूँ। वो मेरी मां की कड़ी मेहनत की वजह से ही हूं। इस प्रतयोगिता में महिलाओं और ट्रांसजेंडर्स दोनों को ही भाग लेने की अनुमति थी। खबर अच्छी लगे तो अगली खबर के लिये फॉलो करें।
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